स्वागत है आपका कोंच की साहित्यिक जमीं पर

Thursday, 19 November 2015

गर देखना है मेरी उड़ान को

"गर देखना है मेरी उड़ान को, तो ऊँचा कर दो आसमान को। " किसी रचनाकार द्वारा रची गई ये पंक्तिया कोंच पर एकदम सटीक बैठती नजर आ रही है। कोंच प्रतिभाओं का खजाना है और यँहा हर कला की प्रतिभाएं मौजूद है। साहित्य की प्रतिभाओं का कोंच नगर में जखीरा है भूतपूर्व युवा , पूर्व युवा के साथ साथ युवा भी अपने मन के बगीचे से सम्वेदना के पुष्प बड़ी ही खूबसूरती के साथ कागज के कोमल जिगर पर अपनी तूलिका की पैनी नोंक से उकेरने...

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