स्वागत है आपका कोंच की साहित्यिक जमीं पर

Thursday 19 November 2015

गर देखना है मेरी उड़ान को

"गर देखना है मेरी उड़ान को, तो ऊँचा कर दो आसमान को। " किसी रचनाकार द्वारा रची गई ये पंक्तिया कोंच पर एकदम सटीक बैठती नजर आ रही है। कोंच प्रतिभाओं का खजाना है और यँहा हर कला की प्रतिभाएं मौजूद है। साहित्य की प्रतिभाओं का कोंच नगर में जखीरा है भूतपूर्व युवा , पूर्व युवा के साथ साथ युवा भी अपने मन के बगीचे से सम्वेदना के पुष्प बड़ी ही खूबसूरती के साथ कागज के कोमल जिगर पर अपनी तूलिका की पैनी नोंक से उकेरने का काम कर रहे है। लेकिन नगर के रचनाकार एवं उनकी रचनाएँ जिस मंजिल की हकदार है शासन प्रसाशन की अनदेखी एवं संसाधनों का आभाव से उस मुकाम तक नहीँ पहुँच पा रही है। कोंच राइटर एसोशिएसन कोंच के लेखकों का एक समूह है जो कोंच राइटर ऐसोशिएसन के बैनर तले कोंच की सरज़मी पर मौजूद प्रतिभाओं एवं उनकी रचनाओं को समय की बढ़ती मांग के साथ डिजिटल करने का प्रयास है आपके  प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप के लिये इस आशा और विश्वास के साथ साथ बहुत बहुत आभार कि आपके सुझाव, टीका-टिप्पणियो से परिचित होने का सौभाग्य मिलता रहेगा।

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